The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, website बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

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